अमेरिका और रूस ने सीरिया में सबसे बड़ा छद्म युद्ध कैसे लड़ा? | तानाशाह असद का पतन असद के राज में सीरिया में सिर्फ केमिकल हथियार ही नहीं बल्कि टॉर्चर कैंप्स भी चलते थे टसिस में एक ऐसी घटना होती है जो पूरे मिडिल ईस्ट के रीजन को हमेशा के लिए बदल कर रख देती है इसका नतीजा ये होता है कि पूरा का पूरा ये सीरिया का देश एक बेहदखौफनाक वॉर जोन बन जाता है कई सारी सरकारें पलट जाती है कई सारे तानाशाह का सिंहासन उलट जाता है हालत ये हो गई थी कि डेरा के शहर में टैंक्स भेजे जाते हैं असद के द्वारा फ्यूनरल्स पर भी बैन लगा दिया जाता है क्योंकि वहां से प्रोटेस्ट बढ़ रहे थे और यह बशार अल असद की एक बहुत बड़ी बेवकूफी साबित होती है आर्मी के अंदर ही रिबेलियस ये सीरियन आर्मी अपने खुद के सोल्जर्स को गोली मारने लग गई और यहीं से ही शुरुआत होती है दोस्तों सीरिया में सिविल वॉरकी नमस्कार दोस्तों 8 दिसंबर 20224 63 साल के राइटर बशार बारह सीरिया में अपने प्रिजन सेल में सुबह-सुबह सोकर उठते हैं ये पिछले सात महीने से इस जेल में बंद थे और आज इन की जिंदगी का आखिरी दिन होने वाला था आज इन्हें फांसी पर चढ़ाया जाना था असल में बात क्या है वैसे तो बशार बारूम सीरिया के डिक्टेटर बशार अल असद के सपोर्टर रहे थे लेकिन कुछ टाइम पहले उन्होंने एक टेलीविजन इंटरव्यू दे दिया था जिसमें उन्होंने ईरान को क्रिटिसाइज कर दिया था उन्होंने ईरान के देश पर सीरियंस को एक्सप्लोइट करने का आरोप लगाया और बस इसी बात पर उन्हें जेल में डाल दिया गया था 8 दिसंबर की सुबह को वो अपनी जिंदगी के आखिरी मिनट गिन रहे थे उन्हें पता था कि कुछ ही देर में दरवाजा खुलेगा और सिक्योरिटी फोर्सेस उन्हें लेने आएंगी एग्जीक्यूशन के लिए लेकिन जैसे ही दरवाजा खुलता है इन्हें दिखता है कि यह सीरिया की सिक्योरिटी फोर्सेस नहीं है बल्कि यह तो असाद के खिलाफ लड़ रही अपोजिशन के रेबेल है ये इन्हें मारने नहीं यह इन्हें जेल से छुड़ाने आए हैं इन्हें बताया जाता है कि सीरिया में असद का राज अब खत्म हो चुका है और अब यह पूरा देश अपोजिशन फोर्सेस के कंट्रोल में आ गया है इस खुशखबरी की हड़बड़ी बारम जेल में अपना सेलफोन और अपना सामान भी नहीं ढूंढ पाते वो सीधा दौड़कर जाते हैं अपने घर और अपनी पत्नी और बेटियों को बताते हैं कि वह जिंदा है इनकी किस्मत सही मायनों में हैरान कर देने वाली है एक सरकार के गिरने की वजह से बशार बारम को लिटरली एक नई जिंदगी मिल गई लेकिन पता है क्या दोस्तों बशार बारम अकेले नहीं थे इस दिन कई सारे और लोगों को मारा जाना था सीरिया में ही सईद नया जेल में एक बच्चे को भी मारा जाना था जिसे बचा लिया गया आज के वीडियो में आइए जानते हैं कहानी बशारत अल असद की सीरिया के वो डिक्टेटर जिन्हें एक समय पर आ इसिस भी नहीं हरा पाई थी लेकिन आज के दिन इनकी डिक्टेटरशिप दो हफ्तों के अंदर-अंदर ताश के पत्तों की तरह ढह गई आखिर यह कैसे हुआ और अब सीरिया का क्या होने वाला है यह है कहानी सीरिया की सिविल वॉर [संगीत] की सल 1918 से पहले सीरिया का यह देश ऑटोमन एंपायर का हिस्सा था नक्शे पर देखिए आज के दिन के सीरिया के बॉर्डर्स कहां पर ला करते हैं इसके ईस्ट में मौजूद है इराक साउथ में जॉर्डन और इजराइल वेस्ट में लेबन का देश और नॉर्थ में आता है टर्की वर्ल्ड वॉर व में ऑटोमन एंपायर को हराने के बाद जो यूरोपियन देश इस वॉर को जीते थे वो इस पूरे रीजन पर कब्जा कर लेते हैं और इन इलाकों को आपस में बांट लेते हैं सीरिया का ये रीजन फ्रांस के हिस्से में आता है तो 1918 से लेकर 1946 तक यहां फ्रांस का राज चलता है और यहां के लोग उसके खिलाफ रिवोल्ट करते हैं कई लड़ाइयां होती हैं जिसके बाद जाकर साल 1946 में सीरिया को आजादी मिलती है फ्रांस [संगीत] से लेकिन आजाद होते ही समस्याएं शुरू हो जाती हैं सीरिया में अलग-अलग धर्मों और सेक्ट्स में मानने वाले लोग रहते हैं रिलीजस डेमोग्राफिक्स पर एक नजर डालो 2014 के डेटा के अनुसार यहां पर 74 पर लोग सुन्नी इस्लाम में मानते हैं करीब 16 पर शिया इस्लाम में मानते हैं और 10 पर के आसपास क्रिश्चियंस हैं इन 16 पर शिया मुस्लिम्स में से ज्यादातर लोग करीब 12 पर एले वाइट्स हैं अब एलवाइटग्रवीर सेक्ट है कुछ लोग मानते हैं कि ये शिया इस्लाम से कंप्लीट अलग है लेकिन दूसरी तरफ कुछ लोग मानते हैं कि ये शिया इस्लाम का ही एक सब सेक्ट है यह तो हुआ रिलीजियस कंपोजिशन लेकिन इसके अलावा एथनी सिटी के बेसिस पर भी दो मेन ग्रुप्स हैं सीरिया में अरब्स और कर्डिले अरब्स करीब 70-80 पर हैं और कर्ड्स जिन्हें हिंदी में कुर्द लोग कहा जाएगा यह करीब 10 पर के अराउंड है जब सीरिया आजाद होता है तो पावर सुन्नी अरब्स के बड़े जमींदारों के हाथों में आ जाती है और यह बाकी लोगों को पावर में हिस्सा नहीं देते इसी वक्त एक अरब नेशनल लिस्ट बात पॉलिटिकल पार्टी पॉपुलर होने लगती है यह एक सेकुलर और सोशलिस्ट पार्टी थी तो इसकी तरफ स्टूडेंट्स माइनॉरिटी और आर्मी के यंग ऑफिसर्स आकर्षित होने लगते हैं आजादी के पहले 10-15 सालों में कई सारी चीजें होती हैं जैसे कि 1948 की अरब इजराइली वॉर जिसमें सीरिया भी पार्टिसिपेट करता है 1958 में एक यूनियन बन जाता है इजिप्ट और सीरिया के देशों का और दोनों कंबाइन होकर एक नया देश बना लेते हैं यूनाइटेड अरब रिपब्लिक सीरिया में कई सारे मिलिट्री कूर्स देखने को मिलते हैं 1961 में 1962 196 इन सब की डिटेल में मैं नहीं जाऊंगा लेकिन मार्च 1963 के मिलिट्री क के बाद होता क्या है कि आर्मी में बात पार्टी के सपोर्टर्स के हाथ में पावर आ जाती है इस पॉलिटिकल पार्टी के अंदर भी एक इंटरनल पावर स्ट्रगल होता है जिसके बाद नवंबर 1970 में जनरल हाफिज अल असद पावर सीज कर लेते हैं एन एंबिशियस मिनिस्टर ऑफ डिफेंस सीज कंट्रोल हिज नेम वा हाफिज अलसर 197 में सीरिया के प्रेसिडेंट बन जाते हैं और जल्द ही सीरिया के देश में यहडिक्टेटरशिप एस्टेब्लिश करते हैं इंटरेस्टिंग चीज यह है कि एक सुन्नी मुस्लिम डोमिनेटेड देश में यह खुद एकमाइनॉरिटी से बिलोंग करते थे यह एक अला वाइट थे लेकिन इसके बावजूद भी जनता में ये पॉपुलर थे क्योंकि इनके समय में इकोनॉमिक डेवलपमेंट और लैंड रिफॉर्म्स देखने को मिले एजुकेशन को बढ़ावा दिया गया और मिलिट्री को मजबूत किया गया ऐसा नहीं है कि एक क्रूर तानाशा नहीं थे बिल्कुल थे पावर कंसोलिडेट करने के लिए ये अपने ोने को रिप्रेस करते थे जो भी इनके खिलाफ आवाज उठाता उसे दबा दिया जाता जैसे कि 1982 में सुन्नी मिलिटेंट सामा ने हाफेज अल असद के खिलाफ रिबेल किया लेकिन इनकी मिलिट्री ने जवाब में 20000 लोगों को ब्रूटली मार दिया इस घटना को 1982 का हमा मासिकर करके बुलाया जाता है धीरे-धीरे जैसे साल बीतते गए अला वाइड्स का कंट्रोल सीरिया पर बढ़ने लगता है 1990 तक आते-आते हाफेज बीमार रहने लगे थे इनके बाद इनके बड़े बेटे बासेल सीरिया के प्रेसिडेंट बनने की रेस में सबसे आगे होते हैं ये बड़े ही पॉपुलर और कैरिजमेटिक मिलिट्री फिगर थे लेकिन 1994 में एक कार एक्सीडेंट होता [संगीत] है बासेल इस कार एक्सीडेंट में मारे जाते [संगीत] हैं हाफेज के छोटे बेटे बशार अल असद उस वक्त लंदन में डॉक्टर की पढ़ाई कर रहे थे यह आंखों का डॉक्टर बनने के लिए पढ़ रहे थे यह सीरिया वापस आ जाते हैं 10 जून साल 2000 हाफेज की एक हार्ट अटैक की वजह से मृत्यु हो जाती है और सीरिया के नए प्रेसिडेंट बनते हैं बशार अल असद बशार को प्रेसिडेंट बनाने के लिए सीरिया का कॉन्स्टिट्यूशन भी बदला जाता है इनके कॉन्स्टिट्यूशन के अनुसार प्रेसिडेंट की ऐज मिनिमम 40 साल होनी चाहिए थी लेकिन इसे घटाकर 34 साल की उम्र कर दी जाती हैक्योंकि बशार खुद उस वक्त 34 साल के होते हैं इनके पावर में आते ही चीजें बदलने लगती हैं इनके पिता सीरिया को एक स्टेट कंट्रो ट्रोल्ड इकॉनमी की तरह चलाते थे एक ऐसा सिस्टम था अभी तक जिसके हिसाब से हर कॉलेज ग्रेजुएट को सरकारी नौकरी और जनता को फ्री सर्विसेस और सस्ता खाना गारंटीड था लेकिन बशार सीरिया को एक मार्केट ओरिएंटेड इकॉनमी बनाने लगते हैं धीरे-धीरे ये सर्विसेस खत्म करी जाती हैं अनइंप्लॉयमेंट रेट बढ़ने लगता है लोग अभी तक तानाशाही में जरूर रह रहे थे लेकिन वो कुछ हद तक खुश थे डेवलपमेंट उन्हें देखने को मिल रही थी एजुकेशन मिल रही थी लेकिन साल 2000 के बाद धीरे-धीरे ये चीजें खत्म होने लगती हैं और फिर 2006 में एक भयंकर अकाल पड़ता है सीरिया में इतना भारी ड्राउंड पड़ता है सीरिया में कि यह चार साल तक चलता है इन 4 सालों में सीरिया की 60 पर जमीन रेगिस्तान में बदल जाती है और 80 पर से ज्यादा कैटल मारी जाती हैं एक्सपर्ट्स इस डाउट के पीछे क्लाइमेट चेंज को जिम्मेदार ठहराते हैं इसके बाद एक बहुत ही बड़े स्केल पर डिसर्टिफिकेशन देखने को मिलता है सिरिया का ज्यादातर खाना अब सीरिया को बाहर के देशों से इंपोर्ट करना पड़ता है खाने के प्राइसेस बढ़ते हैं लेशन बढ़ती है इसके अलावा सीरिया के जो ऑयल रिजर्व्स थे वो भी खत्म होने लगते हैं जिससे तेल से आने वालापैसा भी गिरने लगता है जब लोगों का इस कदर जीना मुश्किल हो गया तो बशार अल असद के खिलाफ गुस्सा बढ़ने लगता [प्रशंसा] [संगीत] [प्रशंसा] है 17 दिसंबर 2010 टसिस में एक ऐसी घटना होती है जो पूरे मिडिल ईस्ट के रीजन को हमेशा के लिए बदल कर रख देती है टिशियन अगर में एक सब्जी वाला वा मोहम्मद बुआ जीजी अपनी सब्जी का ठेला लेकर खड़ा होता है तभी पुलिस उसके तराजू को छीन लेती है क्योंकि उसके पास ठेला लगाने का परमिट नहीं था वो इसकी शिकायत करने प्रोविंशियल गवर्नमेंट बिल्डिंग में गवर्नर के पास जाता है लेकिन गवर्नर उसे मिलने से मना कर देता है इसके बाद मोहम्मद बुआ जीजी बाहर सड़क पर निकलकर अपने आप को आग लगा देता है इससे उसकी मौत हो जाती है लेकिन आसपास खड़े लोग इसका वीडियो रिकॉर्ड करते हैं औरसोशल मीडिया पर डाल देते हैं यह वीडियो इस हद तक वायरल होता है कि इंटरनेशनल मीडिया तक पहुंच जाता है लोग सड़कों पर उतरते हैं प्रोटेस्ट करने के लिए और प्रोटेस्ट देखते ही देखते इतने बढ़ जाते हैं कि एक महीने के अंदर-अंदर नेशिया देश के डिक्टेटर बेन आली की सरकार गिर जाती है तानाशाही के खिलाफ लोगों की ताकत देखकर बगल के देश इजिप्ट के लोग भी बड़े प्रभावित होते हैं वहां के राष्ट्रपति हसनी मुबारक के खिलाफ 25 जनवरी 2011 को प्रोटेस्ट शुरू होते हैं और 11 फरवरी तक आते-आते इन्हें भी रिजाइन करना पड़ता है यह आग तेजी से फैलने लगती है लिबिया के देश में भी एक डिक्टेटर था मुआर गद्दाफी उसके खिलाफ भी प्रोटेस्ट देखने को मिलते हैं जनता सड़क पर उतर जाती है और 20 अक्टूबर 2011 को गद्दाफी को एक नाले से ढूंढकर निकाला जाता है जहां वह छुपे होते हैं और उन्हें मार दिया जाता है 2010 से लेकर 2012 के बीच में कई सारे अरब देशों में भारी प्रोटेस्ट देखने को मिलते हैं कई सारी सरकारें पलट जाती आती है कई सारे तानाशाह का सिंहासन उलट जाता है मोरोको इराक अल्जीरिया लेबेन जॉर्डन कुवेत ओमान सूडान इन सारी जगहों पर प्रोटेस्ट देखने को मिले इस मूवमेंट को अरब स्प्रिंग का नाम दिया गया है प्रोटेस्ट बन 10 र्स अगो इन िया स्प्रेड अक्रॉस द रीजन इन सभी देशों में प्रोटेस्ट के पीछे कारण एक जैसे ही थे बिगड़ती इकोनॉमिक हालत बढ़ता पॉलिटिकल करप्शन बढ़ती बेरोजगारी बढ़ती महंगाई का राइज भी इसी समय देखने को मिला था इन प्लेटफॉर्म्स की मदद से लोगों को एक जरिया मिल पाया अपना गुस्सा निकालने का पुलिस ब्रूटालिटी और करप्शन के वायरल वीडियोस चारों तरफ फैलने लगे और सभी लोगों को एहसास होने लगा कि हमारे देश में अमीर लोग और अमीर बनते जा रहे हैं सारे राजा महाराजा मजे में है और आम इंसान के लिए जीना मुश्किल हो रहा है नौकरियों की सख्त कमी है डॉक्टर्स इंजीनियर्स टीचर्स या सिविल सर्वेंट्स जब एक देश में नौकरियां होती हैं तो लोगों के पास पैसे खर्च करने की क्षमता ज्यादा होती है इसी से ही सही मायनों में इकॉनमी को बढ़ावा मिलता है यहां मैं आपको बताना चाहूंगा दोस्तों टेस्ट बुक के बारे में एक ऐसा प्लेटफार्म जो इंडिया के 800 से ज्यादा एग्जाम्स की तैयारी के लिए ट्रस्टेड है चाहे वो यूपीएससी हो एसएससी बैंक्स आईआईटी या नीट सभी एग्जाम्स की तैयारी यहां पर करी जा सकती है यहां आपको मिलते हैं 80000 से ज्यादा मॉक टेस्ट रियल टाइम रैंकिंग डिटेल सॉल्यूशंस और टेस्ट एनालिसिस जो आपकी तैयारी को नेक्स्ट लेवल पर ले जाते हैं सबसे जरूरी बात टेस्ट बुक पर लगभग 55 करोड़ स्टूडेंट्स ऑलरेडी तैयारी कर रहे हैं तो आप उन्हीं एस्परेंस के साथ कंपीट करेंगे जो असली में एग्जाम में बैठेंगे आपके साथ पब्लिक सोर्सेस के हिसाब से हर साल करीब 18 लाख लोग एसएससी सीजीएल का एग्जाम देते हैं इनमें से 17 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स पहले से ही टेस्ट बुक पर रजिस्टर्ड हैं यहां पर क्वेश्चंस इतने रिलेवेंट होते हैं जैसे कि आप रियल एग्जाम ही लिख रहे हो टेक्स्ट बुक के एसएससी जीडी मॉक टेस्ट के कुछ क्वेश्चंस तो असली एग्जाम में भी आ गए थे ये एक बहुत ही अफोर्डेबल प्लेटफार्म है जिसकी कीमत सिर्फ ₹10 पर मंथ से शुरू होती है आप मेरा कूपन कोड ध्रुव इस्तेमाल करोगे तो आपको एक्स्ट्रा 12 पर ऑफ भी मिल जाएगा इसका लिंक नीचे डिस्क्रिप्शन में मौजूद है जिसे आप क्लिक करके एक्सप्लोर कर सकते हैं खुद ही से ही जरूर जाकर चेक आउट करो अगर आप किसी एग्जाम की तैयारी कर रहे हो क्योंकि मुझे पूरा यकीन है यह आपके लिए बहुत यूज़फुल होगा अब टॉपिक पर वापस आते हैं अरब स्प्रिंग का असर सीरिया पर भी देखने को मिलता है इन प्रोटेस्ट के शुरुआती दिनों में बशार अल असद कहते थे कि सीरिया में इस तरीके के प्रोटेस्ट नहीं हो सकते सीरिया इससे इम्यून है लेकिन 6 मार्च 2011 सिचुएशन बदल जाती है सिरिया के एक छोटे से शहर देरा में स्कूल के कुछ टीनेज लड़के दीवारों पर सरकार के खिलाफ स्लोगंस लिखने लगते हैं एजाक इल दूर या डॉक्टर जिसका मतलब था अब तुम्हारा नंबर है डॉक्टर असद अपने खिलाफ किसी भी तरीके का प्रोटेस्ट बर्दाश्त नहीं कर सकता था इन बच्चों को अरेस्ट कर लिया जाता है सीक्रेट पुलिस के द्वारा और इन्हें जेल में डालकर इनका टॉर्चर किया जाता है जब इन बच्चों के पेरेंट्स और पड़ोसी लोग इन्हें छुड़ाने के लिए जाते हैं तो एक सरकारी ऑफिशल इन्हें जवाब देता है कि बच्चों को भूल जाओ अगर बच्चे चाहिए तो और बच्चे पैदा कर लो और अगर बच्चे पैदा करने नहीं आते तो अपनी औरतों को हमारे पास ले आओ हम पैदा कर देंगे इसके बाद इस शहर में भी प्रोटेस्ट शुरू हो जाते हैं इस घटना के अगले दिन हजारों लोग प्रोटेस्ट करने सड़क पर उतरते हैं सीरियन आर्मी आती है शहर में और गोलियां चला देती है जिसमें चार लोग मारे जाते हैं इनके फ्यूनरल्स पर और बड़े प्रोटेस्ट होते हैं 23 मार्च को 15 प्रोटेस्टर्स को मार दिया जाता है और सैकड़ों लोग घायल होते हैं इसके अलावा डेरा में पानी बिजली और मोबाइल नेटवर्क्स बंद कर दिए जाते हैं साथ में फ्यूनरल्स पर भी बैन लगा दिया जाता है क्योंकि वहां से प्रोटेस्ट बढ़ रहे थे 30 मार्च 2011 असद एक भाषण देते हैं जिसमें वो इन प्रोटेस्ट को फॉरन बैक्ड कंस्पिरेशन बताते हैं वही टिपिकल टैक्टिक ऐसे पॉलिटिशियन की कि भाई प्रोटेस्ट पसंद नहीं आ रहे तो इन्हें फॉरन फंडेड घोषित कर दो इसके बाद प्रोटेस्ट और बढ़ जाते हैं और साथ में क्रैकडाउन भी 22 अप्रैल को लाखों की भीड़ सड़कों पर उतरती है और ह्यूमन राइट्स ग्रुप क्लेम करते हैं कि 100 से ज्यादा लोग मारे जाते हैं 25 अप्रैल ततक हालत यह हो गई थी कि डेरा के शहर में टैंक्स भेजे जाते हैं असद के द्वारा इन डरा आर्मी टैंक्स र यूज फॉर द फर्स्ट टाइम इन दिस अपिंग अगेंस्ट प्रोटेस्टर इस समय तक जगह-जगह से रिपोर्ट आने लग गई थी कि सीरियन आर्मी के कई सारे सोल्जर्स प्रोटेस्टर्स पर फायर करने से मना कर रहे हैं आर्मी के अंदर ही रिबेलियस सीरियन आर्मी अपने खुद के सोल्जर्स को गोली मारने लग गई जुलाई के महीने तक आते-आते इतने सारे सोल्जर्स आर्मी के अंदर से रिबेल कर गए थे कि वो डिफेक्ट होकर अपनी एक अलग आर्मी बना लेते हैं द फ्री सीरियन आर्मी इन सभी प्रोटेस्टर्स का और फ्री सीरियन आर्मी का सिर्फ एक ही मकसद था किसी भी हालत में देश को आजादी दिलाओ इस तानाशाह से कुछ ही महीनों में यह फ्री सीरियन आर्मी असद की आर्मी को देश के कई सारे इलाकों से बाहर निकालने में सक्सेसफुल होती है अलेप्पो और रका जैसे शहर इस फ्री सीरियन आर्मी के कंट्रोल में आ जाते हैं और यहीं से ही शुरुआत होती है दोस्तों सीरिया में सिविल वर कीया इमट एक्स डर्स फ्री सीरियन आर्मी के साथ मिलकर प्रोटेस्ट करने वाले रिबेल्स साथ में मिलकर सीरियन नेशनल कोलेशन बनाते हैं ये अपने आप को सीरिया की गवर्नमेंट इन एजाइल घोषित कर देते हैं कि असलियत में हम है सरकार सीरिया की अमेरिका टर्की कतर सऊदी अरेबिया और यूनाइटेड अरब एमिरेट्स जैसे देश इसे रिकॉग्नाइज भी कर लेते हैं इन रेबेल के पास इतना ज्यादा पब्लिक का सपोर्ट था कि अगस्त 2012 में सीरिया के प्राइम मिनिस्टर रियाद हिजाब भी डिफेक्ट करके रिबेल्स के साथ जुड़ जाते हैं लेकिन इस पॉइंट ऑफ टाइम तक धीरे-धीरे ये सिविल वॉर एक सेक्टरिंग फ्लिक्ड का रूप भी ले रही थी जब 2011 में प्रोटेस्ट शुरू हुए थे तो वो नॉन सेक्टरिंग थे यानी किसी भी धर्म या किसी भी समुदाय के खिलाफ नहीं थे वो प्रोटेस्ट सिर्फ और सिर्फ असद की सरकार और असद के खिलाफ थे लेकिन क्योंकि असद खुद एक माइनॉरिटी कम्युनिटी से बिलोंग करता था और उसने अपनी ही कम्युनिटी के लोगों को सरकार में ज्यादा जगह दे रखी थी और देश में जो ज्यादातर जनता थी वो सुन्नी मुस्लिम्स की थी तो धीरे-धीरे ये लड़ाई सुन्नी मुस्लिम्स वर्सेस सीरिया की बाकी माइनॉरिटी की वॉर बन जाती है ये दरारे इतनी गहरी बन जाती है जब बाकी और देश सीरिया में अपनी टांग अड़ा हैं टर्की कतर और सऊदी अरेबिया के देशों ने सीरिया के रिबेल्स का साथ देना शुरू कर दिया था यहां तक कि पलेटी में हमास का जो ग्रुप है उन्होंने भी असद का साथ छोड़कर रिबेल्स का साथ देना शुरू कर दिया था क्या कारण था इसके पीछे एक बड़ा कारण यह था कि ये सभी देश सुन्नी मेजॉरिटी देश थे वहीं असद के सपोर्ट में आते हैं ईरान जैसे देश और हिज्बुल्लाह जैसे ग्रुप्स जो कि शिया मेजॉरिटी है इसके अलावा 2015 तक आते-आते कई सारे नॉन मुस्लिम देश भी इस वॉर में घुस जाते हैं अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस और जर्मनी रिबेल्स की साइड हो जाते हैं और रशिया जैसे देश असद को साथ देने लगते हैं यूनाइटेड नेशंस में सीरिया के खिलाफ पॉलिटिकल ऑपोर्ट पर क्रैकडाउन को लेकर कई प्रपोजल्स लाए जाते हैं लेकिन रशिया और चाइना इनको वीटो कर देते हैं यहां शायद आप सोचोगे कि आखिर क्या कारण था कि इतने सारे बाकी देश सीरिया की इस वॉर में घुस गए इसके पीछे कारण था दोस्तों आईस का आतंकवादी संगठन यहां हमारी कहानी में एंट्री होती है एक्सट्रीमिस्ट मिलिटेंट ग्रुप्स की जब सीरिया में ये सिविल वॉर चल रही थी 2012 के अराउंड अलकायदा के लोग बहुत ध्यान से यह सब देख रहे थे और इसका फायदा उठाने की फिराक में थे जनवरी 2012 में जबत अल नुसरा नाम का एक ग्रुप बनता है जो अपने आप को अलकायदा का सीरियन फ्रेंचाइजर देता है फरवरी 2012 में अलकायदा का चीफ सभी सुन्नी मुसलमानों को सीरियन सरकार के खिलाफ जिहाद छेड़ने की अपील करता है अब दिलचस्प बात यह है कि इसके पीछे भी बशार अल असद का एक रोल था मिड 2011 में असद ने सैकड़ों कट्टरवादी एक्सट्रीमिस्ट मिलिटेंट्स को जेलो से बाहर रिहा कर दिया यह लोग असद के खिलाफ ही हथियार उठाने वाले थे लेकिन फिर भी असद ने इन्हें जेल से बाहर छोड़ दिया इसके पीछे एक बड़ी चाल थी असद खुद को अच्छा दिखाने के लिए अपने से बुरा एक विलन बनाना चाहता था असद दुनिया को दिखाना चाहता था कि वह सेकुलर है और जिहादी ताकतों से लड़ रहा है और ऐसा करके वो अपोजिशन में बैठे रेबेल को इन एक्सट्रीमिस्ट के साथ जोड़ना चाहता था धीरे-धीरे जबत अल नुसरा बढ़ने लगा और फ्री सीरियन आर्मी का प्रभाव कम होने लगा अमेरिका ने फ्री सीरियन आर्मी को यह कहकर हथियार देने से मना कर दिया कि यह हथियार एक्सट्रीमिस्ट के हाथों में जा सकते हैं दूसरी तरफ आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का बहाना देकर अब असद की फोर्सेस वॉर प्लेंस और हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल करने लगी रेबल बेसिस पर मिसाइल्स और बैरल बॉम से अटैक करने के लिए दिसंबर 20122 अमेरिका जबत अल नुसरा को एक आतंकवादी संगठन घोषित कर देता है लेकिन इसका उल्टा ही असर होता है अगले ही दिन सीरिया में बहुत से लोग मार्च निकालते हैं और प्रोटेस्ट करते हुए कहते हैं सीरिया में इकलौता आतंकवाद सिर्फ सद कर रहा है 8 अप्रैल 2013 अबू बकर अल बगदादी ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक को जबत अल नुसरा के साथ मिलाकर इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया बना दिया शॉर्ट में कहा जाए तो आईएसआईएस या फिर आईएसआईएल इसी दौरान सीरियन रिबेल्स के खिलाफ केमिकल हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया अप्रैल 2013 में ही अमेरिका ने कहा कि सीरिया ने अपने ही लोगों पर केमिकल वेपंस यूज किए हैं नर्व एजेंट सरेन एक गैस है जिसकी वजह से लोगों की मसल्स पैरालाइज हो जाती हैं और सांस आनी बंद हो जाती इंटरनेशनल लॉ के हिसाब से दूसरे देशों से लड़ाई करते वक्त भी ऐसे केमिकल हथियारों का इस्तेमाल करना सख्त मना है लेकिन सीरिया ने एक बार नहीं बल्कि कई बार अपने ही लोगों पर यह केमिकल हथियार इस्तेमाल कीए 21 अगस्त 2013 की इस घटना में हजार से ज्यादा लोग मारे गए केमिकल वेपंस की वजह से या यूनाइटेड नेशंस के वेपंस इंस्पेक्टर सीरिया में जाते हैं और वहां उन्हें सेरिन गैस के इस्तेमाल का सबूत मिलता है यूएन के सेक्रेटरी जनरल इसे एक वॉर क्राइम बताते हैं उस वक्त के अमेरिकन प्रेसिडेंट बैरक ओबामा कहते हैं कि एक रेड लाइन थी जिसे कभी पार नहीं करना चाहिए था और इसे क्रॉस करने का मतलब है कि अमेरिका की तरफ से मिलिट्री एक्शन देखने को मिलेगा अ रेड लाइन फर अस इज वी स्टार्ट से अ होल बंच केमिकल वेपंस मूविंग अरा और बींग यूटिलाइज दैट वड चेंज माय कैलकुलस द व चेंज माय इवे लेकिन असद के राज में सीरिया में सिर्फ केमिकल हथियार ही नहीं बल्कि टॉर्चर कैंप्स भी चलते थे इनका एक बड़ा इनफेमस प्रिजन है सेद नया प्रिजन जिसमें हजारों लोगों को मौत की सजा दी गई ये डामा का शहर के पास एक पहाड़ी के ऊपर था इस कैंप को 1986 में बनाया गया था लेकिन सिविल वॉर के टाइम पर इसे मेन प्रिजन कैंप बना दिया गया इसमें रेबेल से लिंक के शक में लोगों को जेल में डाला जाता था लेकिन सिर्फ इतना ही नहीं कुछ लोगों को तो इस जेल में सिर्फ इसलिए डाल दिया जाता था क्योंकि वह एक ऐसे एरिया में रहते थे जहां असद के खिलाफ प्रोटेस्ट हुए थे जेल में बंद कैदियों ने बताया कि कितनी बेरहमी से उनका टॉर्चर किया जाता था कैदियों को लोहे के डंडों से केबल से और बिजली के करंट से पीटा जाता था इन्ह उल्टा लटका कर पानी में डुबना बड़ा कॉमन था जेल में कैदियों के आपस में बात करने पर भी बैन लगा था हालत यहां इतनी खराब थी कि इमेजिन करना मुश्किल है मैं आपको यह चीज वीडियो पर बता भी नहीं सकता लेकिन इतना जरूर बता सकता हूं कि एमनेस्टी इंटरनेशनल अपनी रिपोर्ट में इस जेल को एक ह्यूमन स्लॉटर हाउस बताया था 2011 से लेकर 2018 के बीच में इस एक प्रिजन कैंप में 30000 से ज्यादा लोग मारे गए दूसरी तरफ आईस के राज में जिस तरीके से लोगों को ट्रीट किया गया वो भी सेम लेवल की क्रूरता थी 2015 तक आते-आते आईस ने सीरिया के 1/3 और इराक के करीब 40 पर हिस्से पर कब्जा जमा लिया था यहां इन्होंने अपना कैलिफेट्स सीरिया में स्थित रका शहर को अपना कैपिटल डिक्लेयर कर दिया इस समय के बीच य िस कंट्रोल रीजन अपने आप में एक इंडिपेंडेंट कंट्री की तरह एक्ट करता था इन्होंने अपनी सरकार बनाई अपने कानून और यहां तक कि अपनी करेंसी तक बना डाली इस्लामिक स्टेट करेंसी 2015 के एंड तक ये इतने बड़े एरिया पर रूल कर रहे थे जो आप नक्शे में देख सकते हो ऑलमोस्ट 12 मिलियन लोग इनके राज के अंदर आते थे आ इसिस ने एक भयंकर जेनोसाइड किया उन सभी माइनॉरिटी के खिलाफ जो इस एरिया में रहते थे इसके अलावा इन्होंने सैकड़ों कल्चरल साइट्स को तबाह कर दिया और इनके द्वारा किए गए वॉर क्राइम्स इतने एक्सट्रीम थे इतने एक्सट्रीम थे कि दुनिया का ऑलमोस्ट हर एक देश इनके खिलाफ हो गया यूनाइटेड नेशन से लेकर अमेरिका रशिया इंडिया यूरोपियन यूनियन इराक टर्की सऊदी अरेबिया यूएई मलेशिया इजिप्ट सिंगापुर ताइवान चाइना और इवन तालिबान कंट्रोल्ड अफगानिस्तान इन सबने आईस को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया आईस को खत्म करने के लिए अमेरिका और उसके एलाइज डायरेक्टली सीरियन वॉर में इवॉल्वड हो जाते हैं और अपनी मिलिट्री भेजते हैं साथ में रशियन सरकार भी कहती है कि वह आईस के खिलाफ है और वह कहते हैं कि हम सीरियन सरकार को सपोर्ट करेंगे आईस के खिलाफ इस लड़ाई में लेकिन बाद में यह सामने आता है कि रशिया आ इसिस से लड़ने के नाम पर सीरिया में मौजूद रेबेल को भी टारगेट कर रहा था और सिविलियंस को भी मार रहा था और यही वो पॉइंट है दोस्तों जिस पॉइंट से सीरियन वॉर बहुत बहुत ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड बन जाती है सोचकर देखो एक तरफ यूएसए और रशिया लड़ रहे होते हैं यूएसए असद के खिलाफ है रिबेल्स को सपोर्ट कर रहा है लेकिन रशिया असद के सपोर्ट में लड़ रहा है लेकिन ये दोनों ही साइड्स आईस के खिलाफ भी लड़ रही होती है असद के खिलाफ सीरियन अपोजिशन होती है आ इसिस होती है और कर्ड्स भी होते हैं आईस के खिलाफ असद सीरियन अपोजिशन और कर्ड्स लड़ रहे होते हैं और बीच में यहां टर्की भी इंवॉल्व हो जाता है टर्की और कर्ड्स की सालों से अपनी लड़ाई चल रही होती है तो कर्ड्स की सीरिया में पावर बढ़ते देख टर्की कर्ड्स के खिलाफ लड़ने आ जाता है लेकिन इन कर्ड्स को अमेरिका का सपोर्ट मिल रहा होता है तो इस जगह पर टर्की अमेरिका के खिलाफ हो जाता है और ईरान और हिज्बुल्लाह भी असद के सपोर्ट में लड़ रहे होते हैं लेकिन आईस के खिलाफ लड़ रहे होते हैं इसका नतीजा यह होता है कि पूरा का पूरा यह सीरिया का देश एक बेहद खौफनाक वॉर जोन बन जाता है यही कारण है कि आपने वीडियोस देखे होंगे पूरे के पूरे शहर चकनाचूर हो गए हैं सिर्फ मलबा पड़ा है और टूटी-फूटी बिल्डिंग पूरे के पूरे शहर तबाह हो गए इसी की वजह से हमें 201516 में सीरियन रिफ्यूजी क्राइसिस देखने को मिलती है सरिया इज मिरेबल वीर एस्केपिंग स् बल बम एंड आ टायर्ड इतने सारे अलग-अलग ग्रुप्स और देश अगर एक जगह पर लड़ेंगे तो आम जनता क्या करेगी उनके लिए कोई रहने लायक जगह नहीं बचती 2016 तक आते-आते एक बड़े मिलिट्री कैंपेन के बाद सीरियन आर्मी अलेप्पो शहर का कंट्रोल रेबेल से छीन लेती है सरियन आर्मी फोर्सेस आर नाउ इन कंट्रोल ऑफ मोरन 90 ऑफ द सिटी सस इट बेगन एन ऑपरेशन ट टेक बैक कंट्रोल ऑफ अो अमेरिका की कोलेशन ने आईस पर हजारों एयर स्ट्राइक्स की जिसकी मदद से नॉर्थ सीरिया में आ इसिस को लगभग खत्म कर देती है बाकी इलाकों में असद की फोर्सेस भी रशिया के सपोर्ट की मदद से आस को पीछेढकेल देती हैं वहीं बगल के इराक के देश में भी इराकी सेना आ इसिस के खिलाफ लड़ाई में सक्सेसफुल रहती है रक्का का शहर आ इसिस से वापस छीन लिया जाता है और 2019 तक आते-आते आईस का नामो निशान एक दो जगह को छोड़कर पूरी तरीके से मिट चुका होता है तो मार्च 2019 का यह नक्शा देखिए आप कि क्या सिचुएशन थी उस वक्त जो ऊपर येलो वाला एरिया है वह कडिजो सेस हैं जो एरिया कडिजो सेस के कंट्रोल में है रेड वाला एरिया असद की सीरियन आर्मी देश के करीब 2/3 हिस्से पर इनका कब्जा अभी भी बना हुआ था ग्रीन जो एरिया है वो रेबेल का है रेबेल ने नॉर्थ वेस्ट में डलीप के आसपास अपना गढ़ बना रखा था और नी थोड़ा साउथ में उनका एरिया था और बीच में ब्लैक कलर के जो दो-तीन छोटे-छोटे रीजंस आपको दिख रहे हैं मार्च 2019 तक सिर्फ इन्हीं जगहों पर आईस बची थी आईस को हराने के बाद यह पूरी एक स्टेल मेट की सिचुएशन बन जाती है लेकिन अगले कुछ सालों में कुछ मेजर जिओ पॉलिटिकल चेंजेज देखने को मिलते हैं 2022 में रशिया यूक्रेन को इवेट करता है जिसके बाद रशिया यूक्रेन वॉर शुरू होती है जो आज के दिन तक चल रही है टेंशन बिटवीन रया एंड द वेस्ट आर ग्रोइंग रैपिड प्रेसिडेंट बाइन कंसीडरिंग अपला थाउज ऑफ ट्रूप्स टू ईस्टर्न यूरोप इसके बाद 2023 में शुरू होती है इजराइल पलेन वॉर जिसमें हिज्बुल्लाह और ईरान भी बीच में जुड़ जाते हैं और हिज्बुल्लाह के पास फाइटर्स की कमी थी तो हिजबुल्ला ने अपने फाइटर्स को सीरिया से वापस बुला लिया इन दो बड़ी वर्स की वजह से असद के जो सबसे बड़े सपोर्टर्स थे रशिया ईरान और हिज्बुल्लाह व अपनी लड़ाइयां में बिजी हो जाते हैं ऐसी सिचुएशन में आप एक्सपेक्ट करोगे कि अगर आप बशार अल असद की जगह पर होते तो चुपचाप बैठे रहते जो शांति बनी रही है सीरिया में उसे कंटिन्यू रहने देते लेकिन नवंबर 2024 में असद की सरकार रेबल पर फिर से हमला करना शुरू कर देती है और यह बशार अल असद की एक बहुत बड़ी बेवकूफी साबित होती है 27 नवंबर 20224 रेबेल सरकार के खिलाफ जवाबी हमला करना शुरू करते हैं पहले उन्होंने सरकार को जवाब देने के लिए एक छोटे हमले की प्लानिंग की थी लेकिन जब उन्होंने यह देखा कि सरकारी फोर्सेस आसानी से पीछे हट रही है तो वह भी आगे बढ़ते रहे सिर्फ दो दिन के अंदर-अंदर 29 नवंबर तक रिबेल्स सीरिया के सबसे बड़े शहर और इकोनॉमिक कैपिटल अलेप्पो तक पहुंच गए असद के पास इस बार रशिया और ईरान का कोई सपोर्ट नहीं था तो 30 नवंबर को ही रिबेल्स ने अलपो पर कब्जा जमा लिया सेलिब्रेटिंग दे विक्ट्री रेबल फाइटर्स आर इन द स्ट्रीट्स ऑफ अलेप्पो द सरियन गवर्नमेंट क्लीयरली अबन बोथ वेपंस एंड एम्युनिशन इन अ हरी ऑन द मूव एट रेबेल ने देखा लोहा गर्म है हथोड़ा मार दो इससे अच्छा मौका शायद कभी ना मिले बड़ी तेजी से यह लोग आगे बढ़ते रहे और एक के बाद एक शहरों पर कब्जा जमाते रहे रशिया की नींद थोड़ी देर में खुली उन्होंने बशार अल असद को सपोर्ट करने की कोशिश की एयर स्ट्राइक्स करके रेबल बेसिस पर लेकिन वह रेबल को रोकने के लिए काफी नहीं थी रशिया की खुद की आर्मी इतनी कम पड़ रही हैय न में लड़ाई करने के लिए कि उन्होंने नॉर्थ कोरिया से आर्मी को इंपोर्ट किया है पैसे देकर तो यहां इस लड़ाई में असद को रशिया कितना सपोर्ट कर सकता आप समझ ही सकते हो सीरियन आर्मी की स्ट्रांगेस्ट यूनिट्स माने जाने वाली फोर्थ आर्म डिवीजन और रिपब्लिकन गार्ड्स डिमास्किंग लेकिन सीरिया की इकोनॉमिक हालत असद की सरकार में इतनी खराब हो गई थी कि करेंसी की वैल्यू घटने की वजह से यहां बेचारे गार्ड्स को अपनी सैलरी तक ढंग से नहीं मिल रही थी जैसे ही रेबेल इस आर्मी के सामने पहुंचे तो इन्होंने अपने हथियार डाल दिए 8 दिसंबर 20224 डमाइज द कैपिटल डस्क फेल विदाउट अ फाइट द सरियन आर्मी नोवे टू बी सीन यही वो दिन था जिसकी बात मैंने वीडियो के शुरू में करी थी ये रिबेल्स उस प्रिजन कैंप में पहुंचते हैं जहां पर ढेरों लोगों को टॉर्चर किया गया बशार अल असद के हाथों से जैसे ही कंट्रोल फिसलने लगा वो तुरंत एरोप्लेन के अंदर बैठे और देश छोड़कर भाग गए अभी रिपोर्ट्स आ रही है कि शायद उन्हें रशिया में अाइलमेर में इस डिक्टेटरशिप का सीरिया में लोग भारी संख्या में सड़कों पर उतरे सेलिब्रेट करने के लिए डिक्टेटरशिप से आजादी का जश्न मनाया गया असद के भागते ही लोग इनके प्रेसिडेंशियल पैलेस में गए और लूटना और जलाना शुरू कर दिया इस वीडियो में आप देख सकते हो इस पैलेस के अंदर की कुछ गाड़ियां कोई आर्टवर्क लेकर जा रहा है तो कोई लगज हैंडबैग्स चुराकर लेकर जा रहा है देश भर में लगे असद के परिवार के पोस्टर्स बैनर्स और स्टैचू को गिरा दिया जाता है यह सीरियन सिविल वॉर ऑलमोस्ट 14 सालों तक चली 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई और 1.3 करोड़ लोग करीब डिस्प्लेस हुए लगभग 48 लाख ऐसे लोग हैं जो रिफ्यूजीस के तौर पर बाहर के देशों में रह रहे हैं लेकिन अब एक बहुत महत्त्वपूर्ण सवाल यहां पर उठता है कि आगे क्या होगा असल में कहानी की एंडिंग शायद इतनी भी होप फुल नहीं है जिन रेबेल ने असद को पावर से हटाया उनमें से कई लोग एक्सट्रीमिस्ट ऑर्गेनाइजेशंस का हिस्सा है 2012 में जब अलकायदा की सीरियन ब्रांच के तौर पर जबत अल नुसरा बनाया गया था तो उसके ज्यादातर लोग आईस में चले गए थे लेकिन कुछ ऐसे लोग थे जो आईस में नहीं गए थे इसी में से एक लीडर थे अबू मोहम्मद अल जुलानी इन्होंने 2016 में अलकायदा के साथ सारे टाइज खत्म करने की अनाउंसमेंट की थी और जबत अल नुसरा को डिजॉल्वेशन बनाई थी शॉर्ट में एच एटीएस कह सकते हो इस ऑर्गेनाइजेशन के साथ कई सारी और भी ऑर्गेनाइजेशंस मर्ज हुई बाद में यह एचटीएस नॉर्थ वेस्ट सीरिया में डलीप के आसपास अपनी साल्वेशन सरकार भी चला रही थी हालांकि इसके लीडर ने अपने आप को अब अलकायदा से अलग करने की कोशिश की है लेकिन अमेरिका ब्रिटेन और कई सारे देश इस एचटीएस को अलकायदा का ही सपोर्टर मानते हैं इनफैक्ट अमेरिका ने अब्बू मोहम्मद अल जुलानी को पकड़ने के लिए 1 करोड़ डॉलर का इनाम भी रखा हुआ है इसके पीछे एक पुरानी कहानी है जो इराक और सद्दाम हुसैन से रिलेटेड है लेकिन सबसे बड़ा डर अब सीरिया में यह सता रहा है लोगों को कि कोई एक्सट्रीमिस्ट सरकार ना आ जाए जिससे माइनॉरिटी खतरे में पड़े अल जुलानी ने इस डर को खत्म करने के लिए पिछले कुछ समय में अपनी हार्डकोर इमेज बदलने की कोशिश की है उन्होंने माइनॉरिटी को अपने साथ लाने की कोशिश की है और खुद को जिहादी की जगह एक रिलीजियस नेशनलिस्ट लीडर के तौर पर एस्टेब्लिश कर रहे हैं इसके अलावा आप आज के दिन का नक्शा देखोगे तो दो और बड़ी ऑर्गेनाइजेशंस हैं नॉर्थ ईस्ट का जो बड़ा हिस्सा आप देख सकते हो वो सीरियस डेमोक्रेटिक फोर्सेस जो कर्ड हैं वो उनके कंट्रोल में है येलो वाले एरिया में टर्की द्वारा सपोर्टेड सीरियन नेशनल आर्मी का कंट्रोल है अभी तहरीर अलशाम ने फर्स्ट मार्च 2025 तक के लिए एक इंटरम सरकार बनाई है यह सरकार लोगों को बेसिक सर्विसेस प्रोवाइड करके देश को स्टेबल करने की कोशिश करेगी और इसी बीच बाकी फैक्शंस के साथ गवर्नमेंट बनाने की भी बात चल रही है रेबेल के सीरियन सलिवेशन गवर्नमेंट के प्रधानमंत्री मोहम्मद अल बाश इस सरकार के हेड होंगे बशार अल असद के पिता 30 सालों तक सीरिया के डिक्टेट रहे थे और उसके बाद यह खुद 23 सालों तक डिक्टेटर बने रहे इतना लंबा और स्ट्रांग रूल इनका रहा था लेकिन सिर्फ दो हफ्ते लगे इनकी डिक्टेटरशिप को ताश के पत्तों की तरह गिरने में डिक्टेटरशिप्स अक्सर ऐसे ही गिरती हैं अक्सर डिक्टेटर्स को पता ही नहीं होता किउनके देश में चल क्या रहा है इसे डिक्टेटर्स डिलेमा कहते हैं एक डिक्टेटर के आसपास सभी चाटुकार लोग भरे होते हैं जो सिर्फ उसकी तारीफ करते रहते हैं तो उसे कभी पता ही नहीं चल पाता कि देश की सच्चाई क्या है और इसी वजह से वह एक के बाद एक गलत बेवकूफी भरे डिसीजंस लेते रहता है यह कहना गलत नहीं होगा कि डिक्टेटर्स अपनी तबाही के बीच खुद ही बोते हैं लेकिन असलियत में इसके खत्म होने के बाद लोगों को सही में आजादी मिल पाती है या नहीं यह लोगों पर डिपेंड करता है अब उम्मीद यही है कि सीरिया के लोगों को एक बेहतर जिंदगी मिलेगी एक बेहतर सरकार मिलेगी जो भी आगे देश का नया लीडर बने वो होप फुली इससे बेहतर हो लेकिन क्या सही में ऐसा होगा यह तो सिर्फ समय बताएगा टेक्स्ट बुक को डाउनलोड करने कालिंक नीचे डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा और अब अगर आप मिडिल ईस्ट की जिओ पॉलिटिक्स को बेहतर समझना चाहते हैं इस रीजन में जो तीनरीजनल पावर्स हैं इजराइल सऊदी अरेबिया और ईरान इन तीनों की एक दूसरे से क्या रिलेशनशिप है और कैसे यह देश एक दूसरे सेकॉन्फ्लेट में रहते हैं और अपने आसपास के देशों पर एक असर डालते हैं तो इस चीज को मैंने डिटेल में एक्सप्लेन किया है इस